किराएदार ने मारी पंजाबी भाभी की चूत | bhabhi sex story

किराएदार ने मारी पंजाबी भाभी की चूत | bhabhi sex story

wild fantasy पंजाबी भाभी सेक्स कहानी तलाकशुदा लड़की की प्यासी चूत की है। उसने घर में किरायेदार रखा तो उस मर्द को देखकर उसकी चूत में और खुजली उठने लगी।

मेरा नाम कंगना है, मेरी उम्र 40 साल है।
मैं पंजाब की रहने वाली हूँ.

यह पंजाबी भाभी सेक्स कहानी मेरी अपनी ही है.

चार साल पहले मेरा तलाक हो चुका है और अब मैं अकेली रहती हूं।
मेरे पति की जो प्रॉपर्टी थी, उसमें से मुझे एक घर और काफी पैसे मिल गए थे, और अब मैं उसी घर में रहती हूं।

40 साल की होने बावजूद मैं देखने में सुंदर लगती हूं और मेरा बदन अभी भी भरा हुआ है। मेरी हाइट 5.6 इंच है और चूचियां गोल-गोल हैं। मेरी गांड भी काफी हैवी है जो आजकल की जवान लड़कियों को भी मात देती है। (bhabhi sex story)

मेरे मौहल्ले में रहने वाले जवान लड़कों से लेकर बुड्ढे मर्द भी मुझ पर मरते हैं।
मैं जब सज संवरकर जॉब पर जाती हूं तो सबके लंड मुझे देखकर खड़े होने लगते हैं।
नई उम्र के लौंडे तो मेरे बारे में सोच सोचकर मुठ मारते हैं।

मगर मैं किसी को अपने पास नहीं फटकने देती हूं क्योंकि अपने मौहल्ले में मैं काफी शरीफ बनकर रहती हूं।
मेरा घर काफी बड़ा है और दो मंजिला है।

इतने बड़े घर में मेरा अकेली का दिल नहीं लग रहा था तो एक बार मैंने किराये के लिए अखबार में विज्ञापन दिया।

कुछ दिनों के बाद ही मेरे घर में एक परिवार किराये पर रहने के लिए पूछने आया।
उनको घर पसंद आया और वे लोग मेरे घर में शिफ्ट हो गए।

परिवार में केवल पति पत्नी ही थे और दोनों ही जॉब करते थे।

उस आदमी की जॉब का टाइम सुबह 9 से शाम 5 बजे तक था।(bhabhi sex story)
जबकि उस औरत की जॉब एक हफ्ते के लिए दिन में होती थी तो अगले हफ्ते के लिए रात में होती थी।

घरवाली का नाम प्रीती और उसके पति का नाम गौरव था।

गौरव लम्बी कद-काठी का मर्द था और काफी फ्रेंडली था जबकि उसकी घरवाली थोड़ी खड़ूस टाइप की थी।

मुझे देखने में गौरव बहुत अच्छा लगा लेकिन मैंने उसके बारे में अभी तक कुछ गलत नहीं सोचा था।
वहीं, गौरव ने मुझे जब पहली बार देखा तो मुझे तभी पता लग गया था कि वो मुझमें काफी रुचि रखता है।

उनको मेरे घर में रहते हुए दो महीने हो गए थे।
इन दिनों के दौरान मैंने उनको कई बार आपस में लड़ते भी देखा था।

मुझे पता लगने लगा था कि गौरव अपनी बीवी से ज्यादा खुश नहीं है।
वो अक्सर टेंशन में ही रहता था।

इधर मैं भी अपने आपको काफी अकेली महसूस कर रही थी।
किसी तरह मेरा दिन तो निकल जाता था लेकिन रात में चूत बहुत परेशान करती थी।(bhabhi sex story))

मेरी तपती जवानी मेरी चूत को हमेशा गीली रखती थी।
बिस्तर पर मुझे एक मर्द की कमी बहुत महसूस होती थी।

मेरी चूत से रस निकलने लगता था और गोल गोल मोटी चूचियां एकदम तन जाती थीं।
मैं काफी बेचैन हो जाती थी इसलिए सलवार में हाथ डालकर मैं अपनी चूत को हथेली से रगड़ रगड़ कर शांत करने की कोशिश किया करती थी।

चार साल से मुझे लंड का स्वाद नहीं मिला था।
लंड लेने की तड़प हमेशा जगी रहती थी।
खुद के हाथ से भी वो मजा नहीं आता था जो मर्द के हाथ से आता था।

एक रात की बात है कि मैं किचन में खाना बना रही थी।
अचानक गैस सिलेंडर की गैस खत्म हो गई।
मेरे पास दूसरा भरा हुआ सिलेंडर भी नहीं था।

फिर मैंने सोचा कि क्यों न किरायेदारों से ही सिलेंडर के लिए पूछ लूं!
लेकिन मैं थोड़ी हिचक भी रही थी क्योंकि गौरव की बीवी की रात की ड्यूटी चल रही थी।
ऐसे में इतनी रात में उसके पास जाना अजीब लग रहा था।

लेकिन दूसरी ओर मेरे पेट में चूहे कूद रहे थे तो बिना खाना खाए कैसे रहती।(bhabhi sex story)

तो मैं हिम्मत करके ऊपर चली ही गई।

ऊपर जाकर मैंने आवाज लगाई तो गौरव बाहर आया।
मैंने उससे पूछा कि घर में एक्स्ट्रा सिलेंडर है क्या?
वो बोला- सिलेंडर तो नहीं है जी, लेकिन अगर आपको बुरा न लगे तो खाना आप यहीं बना सकते हो, और दो रोटी मेरे लिए भी बना देना।

मेरे पास भी कोई दूसरा चारा नहीं था तो मैंने भी हां कह दी।
मैं सामान ऊपर लाकर खाना बनाने लगी।
गौरव बाहर कुर्सी लगाकर अपने लैपटॉप पर काम कर रहा था।

लेकिन कई बार वो चोर नजरों से मुझे भी देख रहा था।
उसकी नजर बड़ी प्यासी थी, जैसे सोच रहा हो कि बस ये अभी मिल जाए।

मैंने दुपट्टा उतार कर किचन में एक तरफ रख दिया।
अब मेरी गोल गोल चूचियां मेरे सूट में कसी हुई ऊपर से उभरी हुई दिखने लगीं।

गौरव बोला- कुछ हेल्प चाहिए आपको तो बता देना?
उस वक्त मैं आटा गूंथ रही थी जिससे मेरी कमर और छातियां हिल रही थीं।(bhabhi sex story)

मेरी पीठ उसकी तरफ थी जिससे वो मेरी मोटी गांड को हिलते हुए प्यासी नजरों से देख रहा था।

बीच में मैंने जब नजर घुमाई तो उसके कच्छे में तना हुआ उसका लंड भी मुझे दिख गया।
ये देखकर मेरी चूत में भी हल्की हल्की खुजली होना शुरू हो गई।

जल्दी से खाना बनाकर मैं नीचे आ गई।
फिर लेटने लगी लेकिन रोज की तरह ही बहुत बेचैन हो गई।

पहले तो मैं अपने पति के लंड को नंगा सोचकर अपनी चूत की गर्मी को शांत कर लेती थी।
लेकिन आज जब मैं पति के लंड को सोचने लगी तो मुझे गौरव का लंड खड़ा दिखाई दिया।

गौरव का लंड सोचकर मैं और ज्यादा बेचैन हो गई।
मेरी चूत अब गौरव का लंड मांगने लगी लेकिन मेरी शर्म और हिचकिचाहट मुझे उसके पास जाने से रोक रही थी।

चूत को शांत करने के लिए मैंने उस पर हाथ लगाया।(bhabhi sex story)

मुझे बहुत पसीना आ रहा था और सिसकारियां निकल रही थीं।
चूत सहलाते हुए मैं लगातार अम्मम … आह्ह … उम्म्म … जैसी आवाजें कर रही थी।

बिस्तर पर नंगी होकर लेटी थी लेकिन फिर भी बात नहीं बन पा रही थी।
मेरी चूत में आग लगी हुई थी जो मुझे टिकने नहीं दे रही थी।

मैं कपड़े पहन कर फिर से बाहर आ गई; मैं नीचे आंगन में टहलने लगी।

फिर मेरी नजर ऊपर कोठे पर गई तो गौरव जंगले के पास खड़ा मुझे देख रहा था।

मुझे देखकर वो मुस्कराने लगा और ऐसे खुश हुआ जैसे मेरे ही बाहर आने का इंतजार कर रहा हो।
मुझे भी पूरी मस्ती चढ़ी हुई थी और सोच रही थी कि काश गौरव खुद ही चलकर मेरे पास आ जाए।

तभी उसने आवाज दी- मैडम! कॉफी बनाई मैंने … आप भी जा जाओ!

मैं भी जैसे इसी निमंत्रण का इंतजार कर रही थी, तुरंत मैं ऊपर चली गई।
मैंने लाल रंग की नाइटी पहनी हुई थी जिसमें मेरी बॉडी बड़ी सेक्सी लग रही थी।(bhabhi sex story)

छत पर पहुंची तो ठंडी ठंडी हवा लगने लगी जो मेरे बदन को छूकर निकली और मेरे चूचे और ज्यादा तन गए।

मैं गौरव के पास पहुंची तो जैसे लगा कि वो भी मिलन की गर्मी लिये मेरे आने का इंतजार कर रहा है।

फिर हम कॉफी पीते हुए बातें करने लगे तो गौरव ने पूछा- आपका तलाक कब हुआ और क्यों हुआ?
मैंने उसको कहा- मेरा पति कोई काम नहीं करता था।(bhabhi sex story) मेरी ही नौकरी से घर चलता था। ऐसे मर्द का मैं क्या करती, उसको चाटती?

फिर वो बोला- तो आपको किसी साथी की जरूरत महसूस नहीं होती?
मैं बोली- कमी तो होती है महसूस … लेकिन एक बार धोखा खा चुकी हूं। इसलिए अब किसी पर यकीन नहीं होता। सब के सब औरत को सेक्स की मशीन समझते हैं लेकिन प्यार कोई नहीं करता।

इस बात पर वो भी थोड़ा भावुक हो गया और अपने दिल का हाल बताने लगा।
वो बोला- मैं भी अपनी पत्नी से ज्यादा खुश नहीं हूं। कई बार तो वो मुझे हाथ भी नहीं लगाने देती है। जिसके कारण हम दोनों का रिश्ता खराब हो चुका है।(bhabhi sex story)

मैं भी समझ गई कि वो क्या कहने की कोशिश कर रहा है।
वो मेरे गले से लग गया और मैं भी उससे लिपट गई।

फिर उसने गर्दन उठाई तो हम दोनों के होंठ एक दूसरे से मिलते देर न लगी।
वो जीभ निकाल कर मेरे होंठों से रस चूसने लगा।

देखते देखते दोनों हवस के वश होकर एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे।

उसने मेरी एक टांग उठाकर अपनी कमर पर चढ़ा ली जिससे उसका लंड मेरी चूत पर टकराने लगा।

लंड को चूत पर महसूस करते ही मैं भी जैसे उसकी बांहों में टूटने लगी।
मन कर रहा था कि बस वो लंड डालकर मुझे बुरी तरह चोद दे।(bhabhi sex story)
मेरा बदन यूं टूटता देख वो तुरंत मेरी सलवार खोल मेरी टांगों के बीच में बैठ गया।

मेरी टांग को उठाकर उसने कुर्सी पर रखवा दिया और पैंटी नीचे करके मेरी चूत को जीभ से चाटने लगा।
मैं एकदम से सिसकार उठी- आह्ह … और कहने लगी- अच्छी तरह चाटो … चार साल से ये प्यासी है … आज इतने दिनों के बाद बहार आई है।

उसने जीभ को मेरी चूत के अंदर घुसा लिया और रस को खींचने लगा।
मुझे इतना मजा आ रहा था कि बता नहीं सकती।

मैंने जल्दी से उसको खड़ा किया और उसके कच्छे को नीचे करके उसका लंड मुंह में भर लिया।

मैं गौरव के लंड को मस्ती में चूसने लगी।
उसके लंड पर लग रहे मेरे मुंह के चोपे उसको मस्त किए जा रहे थे।
इधर मेरी चूत भी और ज्यादा गीली-रसीली हुई जा रही थी।

गौरव लंड चुसवाते हुए मस्ती में आ गया था।(bhabhi sex story)
वो बोला- आज तक इतना मजा मुझे किसी ने नहीं दिया था। तुम्हारे जैसी पंजाबी भाभी मुझे बहुत पसंद है। जिस दिन से तुम्हें देखा है तब से ही तुम्हारी चूत मारने के लिए मरा जा रहा था।

मैंने भी कह दिया- तो देख क्या रहे हो! मार लो आज जितनी मार सकते हो। आज तुम्हारे पास मौका है इस पंजाबन भाभी के साथ सेक्स करने का। ये पल पता नहीं फिर कभी मुड़कर आएंगे या नहीं। मेरी भी तसल्ली करवा दो आज पूरी!

इतना कहते ही मुझे गोद में उठाकर वो अपने रूम में ले गया।
बेड पर मुझे बैठाकर बोला- पंजाबी भाभी … घोड़ी बन जा!
मैंने बेड पर हाथ रखकर गांड उसकी तरफ उठा दी।

उसने अपना मोटा लंड मेरी चूत पर लगाया और धकेलने लगा।(bhabhi sex story)

जैसे जैसे उसका मोटा लंड मेरी चूत में अंदर जाने लगा मुझे मजा आने लगा और चूत खुलती चली गई।
वो मुझे चोदने लगा और मेरे बदन का रोम रोम खिलने लगा।

चूत चुदवाते हुए मैं मदहोश होने लगी।

चार साल बाद मेरी चूत को लंड का अहसास और मजा मिल रहा था।
उसने जोर से धक्के देते हुए पूरा लंड अंदर घुसा दिया जिससे मेरी चीख सी निकल गई।

मैंने दोनों हाथ पीछे ले जाकर चूतड़ों को और ज्यादा खोल दिया जिससे चूत लंड को अच्छी तरह से अपने अंदर जगह दे दे।
मैं उसको और ज्यादा उकसाने लगी जिससे उसका जोश और ज्यादा बढ़ने लगा।(bhabhi sex story)
क्योंकि मैं भी चार साल से प्यासी थी और लंड का आज पूरा मजा लेना चाह रही थी।

कुछ देर तक उसने मुझे वहीं घोड़ी बनाकर चोदा और फिर बेड पर ऊपर ले आया।

अब वो ऊपर लेटकर मुझे चोदने लगा।
मैंने टांगें चौड़ी खोल दीं और उसको अपनी टांगों के बीच में ले लिया।

वो धक्के दे देकर चोदने लगा जिससे मुझे बहुत गजब का मजा आने लगा।(bhabhi sex story)
मैं इस आनंद को लफ्जों में बयां नहीं कर सकती थी।

गौरव लगातार मुझे चोदे जा रहा था।
कभी बीच बीच में मेरी चूचियों को पीने लग जाता था।
मैं भी उसके सिर को पकड़ कर अपनी चूचियों में दबा रही थी; नीचे से गांड उठाकर उसके लंड को चूत से चोदने की कोशिश कर रही थी।

उसका हर धक्का मेरी चूत में आनंद की मुहर लगाकर जा रहा था।
मैं मदमस्त हो चुकी थी।
मर्द के लंड से चुदने में जो मजा है वो अपने हाथ या किसी और चीज से नहीं है।

मैं बार बार गौरव को अपने ऊपर खींचकर उसके होंठों को चूसने लगती थी।

वो भी फिर और जोश में मेरी चूत उधेड़ने लगता था।
उसकी पीठ को मैंने नाखूनों से खरोंच डाला था।(bhabhi sex story)

अब मैं अंदर से जैसे भरने लगी थी और मेरी मटकी का पानी किसी भी समय छलक सकता था।

लगभग 20 मिनट तक गौरव ने मुझे जमकर चोदा और फिर मेरी चूत से एक फव्वारा छूट पड़ा।
गौरव का लंड उस पानी में चलते हुए पच-पच करने लगा।

उसके कुछ देर बाद ही गौरव की स्पीड एकदम से बढ़ गई।
वो इतनी जोर से धक्के लगाने लगा कि फिर से मेरी दर्द भरी चीखें निकलने लगी।(bhabhi sex story)

अगले दो मिनट में ही गौरव के लंड ने अपना माल मेरी चूत में छोड़ दिया और वो थक कर मेरे ऊपर गिर गया।

कुछ देर के लिए हम लोग एक दूसरे से चिपके हुए लेटे रहे।
फिर हमें उठना पड़ा क्योंकि रात काफी हो गई थी और गौरव की बीवी भी सुबह लौटने वाली थी।

मैं गौरव के साथ पूरी रात गुजारना चाहती थी लेकिन ऐसा नहीं हो सकता था।

हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और मैं अपने कमरे में लौट आयी।

आपको मेरी स्टोरी कैसी लगी  [email protected] पर मेल करके बताए.

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