पड़ोस के लड़के और दरोगा ने मुझे पार्क में एकसाथ चोदा Part – 5 | Threesome sex story

पड़ोस के लड़के और दरोगा ने मुझे पार्क में एकसाथ चोदा Part – 5 | Threesome sex story

 नमस्कार दोस्तो, मैं आपकी फातिमा भाभी … बैंगलोर की रहने वाली हूं।

मेरी उम्र अभी 32 साल की है।

मेरी पिछली कहानी थी: अब्बू ने मेरी गांड मारी

लेकिन मेरी ये कहानी मेरी शादी के पहले की है। आपके सामने पेश है मेरी चौथी कहानी।

आप मेरी पहली तीनों कहानियां पढ़ सकते हैं।
उन्हें पढ़ने के बाद आपको पता चलेगा कि मैं कितनी चुदक्कड़ और ठरकी लड़की हूं।
मुझे नए नए लंड लेना पसंद है, साथ ही साथ नए नए तरीके भी!

आप जानते हैं कि ये सब मैं अपनी छीनाल अम्मी अज़रा से सीखी थी।
मेरी अम्मी बड़े घरकी एक बहुत ही बड़ी चुदक्कड़ औरत है और उसी के ये सब गुण मुझमें भी आ गए। (Threesome sex story)

मैं जैसे जैसे बड़ी होती गई, और भी ज्यादा ठरकी होती गई।
मैंने कभी किसी से क्लोज़ रिलेशन नहीं बनाया, ना स्कूल में न ही कॉलेज में!
मेरा फंडा फिक्स था, जिस जिस पे दिल आता, बस सीधा उसके आगे अपनी टांगें चौड़ी कर देती।

मैं मेरी अगन ऐसे ही मिटाती।
और इस सब में मेरी अम्मी की भी सहमति थी क्योंकि वो भी यही सब करती।

तो ज्यादा देर न करती हुई मैं बढ़ती हूं आज एक और नई और मेरी धमाकेदार चुदाई की कहानी की ओर!

मैं उन दिनों कॉलेज में थी।
हमारे मोहल्ले में एक लड़का था, दीपक नाम का!
वो मुझसे एक साल छोटा था।

5’6″ हाईट, गोरा चिट्टा, जिम वाली बॉडी, एकदम जवानी उछालता हुआ लौंडा।

मेरी एक सखी थी सना !
उसका और दीपक का लफड़ा था। (Threesome sex story)
उसने बताया था कि दीपक का लंड बहुत तगड़ा है और वो बहुत बढ़िया ठोकता है।

तो अब मेरा भी मन हुआ कि क्यों ना अपनी चूत को दीपक की सवारी कराई जाए।
एक ही मोहल्ले में रहने की वजह से मेरी उससे पहचान तो थी।

वो भी बहुत आवारा लड़का था।
कई बार मुझे ताड़ते हुए मैंने देखा था।
मैं थी ही ऐसी माल कि हर कोई अपना लंड मसल दे।

अब मैंने दीपक को लाइन देना शुरू किया।
मैं उसको रिझाने में लग गई।

दीपक के घर पे उनकी एक किराने की दुकान थी।
कॉलेज से वापस लौट के दीपक दुकान पर बैठता।

अब मैं जानबूझकर एक बार दोपहर में दुकान गई।
तो वो मोबाइल में कुछ देख रहा था। (Threesome sex story)

मेरे जाते ही वो एकदम हड़बड़ा गया और मोबाइल उसने जल्दबाजी में लॉक किए बिना काउंटर पर रख दिया।

मैंने देखा तो उसमें ब्लू फिल्म चल रही थी।
एक अफ्रीकन काला आदमी अपने ये बड़े लंड से एक गोरी चिकनी लड़की को चोद रहा था।

मैं मोबाइल में देखने लगी और दीपक की तरफ देख कर हंसने लगी।
वीडियो अभी चालू ही था।

अब मैंने सोचा कि सही वक्त है दीपक से नजदीकियां बनाने का।
मैंने बात शुरू करते हुए कहा- ऐसा भी कहीं होता है इतना बड़ा लौड़ा? नकली होगा शायद!

मेरे मुंह से लौड़ा सुनके वो हंस दिया और बोला- अरे नहीं, यह असली है। नीग्रो लोगों के लंड नॉर्मली इतने ही बड़े और लंबे होते हैं।

मैं कातिलाना अंदाज में उससे बातें करने लगी।
मैंने कहा- तेरे पास और भी हैं?
दीपक – क्या? ब्लू फिल्में? अरे मेरे पास तो एक से बढ़िया एक वीडियो हैं … देखना चाहती है तू?
मैं- हां यार मुझे अच्छा लगता है। मगर तू कोई गलत मतलब मत निकाल!
उसने कहा- ये मेरा मेमोरी कार्ड ले जा, देख के मुझे बाद में वापस कर देना.

मैं कार्ड ले गई।
और दूसरे दिन उसे लौटाने दोपहर फिर दुकान गई। (Threesome sex story)

दीपक अकेला ही दुकान पर था।
मैं गई और उसे बात करने लगी।

दीपक ने कहा- फातिमा अंदर आ जा … देखूं तेरे मोबाइल में क्वालिटी कैसी दिखती है। तेरा मोबाइल बहुत बढ़िया है।
मैं अंदर गई और उससे सट कर बैठ गई।

मैंने मेरा मोबाइल चालू किया।
बढ़िया क्वालिटी में मैंने फिल्म चलाई।

दोपहर के समय हमारे मोहल्ले में एकदम सन्नाटा रहता।
उस सन्नाटे में हम दोनों दुकान में चुदाई की वीडियो देख रहे थे।

मैंने जीन्स और टॉप पहना हुआ था। फिल्म देखते हुए मैं अदाएं दिखाने लगी। मैंने अपना हाथ दीपक के जांघ पर रख दिया।
उसने भी मेरा मूड समझा।

दीपक ने मुझे इशारा किया और हम दुकान में ही एक कोने में चले गए।
वहां दुकान के सामान की बोरियां थी। दीपक ने मुझे बोरियों से सटाकर खड़ा किया, मेरा मोबाइल उसने साइड में रख दिया और मेरे करीब आ गया।

अब उसने टॉप के ऊपर से ही मेरे बूब्स पर हाथ फेरा।
मुझे ये पल बहुत रोमांचित कर रहा था। (Threesome sex story)

अब उसने मेरे बूब्स दबाना शुरू किया।

मैं उसके दोनों हाथ पकड़ कर अपने चूचों पर रख कर दबाने लगी।

अब उसने मेरी गर्दन पकड़ के मुझे अपने और पास खींच लिया, साथ ही मेरे होंठों पे किस करने लगा।
मैं भी पूरे उत्साह से उसका साथ देने लगी।
हमारी जीभ एक दूसरे के मुंह में चलने लगीं।

माहौल एकदम रोमांटिक हो गया था।

अब उसने मेरी टॉप को ऊपर उठाया और मेरी ब्रा के अंदर हाथ डालकर मेरी चूची मसलने लगा।
हमारा चुम्बन अभी तक जारी था।

उसने हालत को समझा, दुकान में कोई भी आ सकता इसलिए दीपक मुझसे अलग हो गया।

मैंने नाराज होकर कहा- क्यों? क्या हुआ?
दीपक बोला- यहां नहीं, आज रात फ़िल्म पे साथ आएगी।
मैं ना कह नहीं सकती थी, मैंने हां कह दिया।

बाहर कोई नहीं देखकर मैंने फिर उसे अपने ओर खींचा, मैं उसके हाथ अपनी गांड पर रख कर दबाने लगी।

वो तैयार नहीं था पर मैं उतावली हो रही थी।
मुझे उसका लौड़ा देखना था।

मैं नीचे बैठ गई और उसकी जिप खोलने लगी।
वो ना नुकुर करने लगा मगर मैंने उसकी एक न सुनी।

जिप खोलते ही का अंडरवियर हटाकर उसका लंड मैंने बाहर निकाला। (Threesome sex story)
इतना बढ़िया था उसका लंड !
काला था मगर झांटें साफ़ की हुई थी।
और ठीक से खड़ा न होने के बावजूद लगभग 4 इंच का होगा।

मेरे तो मुंह में पानी आ गया।
मैंने आव देखा न ताव … झट से उसे मुंह में लेकर उसे चूसने लगी।
दीपक मंद मंद सिसकारियां भरने लगा।
उसने मेरे बालों को पकड़ कर अपना लंड आगे पीछे करना शुरू किया।

अब उसका लंड और तन गया।
गर्म गर्म लोहे जैसा सख़्त उसका लंड मैंने थूक लगा कर चूसना जारी रखा और उसकी गोटियों से खेलते हुए उन्हें भी जीभ से चाटने लग गई।
इतने सारी जल्दबाजी में वो अपने आप को ज्यादा कंट्रोल नहीं कर पाया और पांच मिनट में ही झड़ने को हुआ।

उसने मुझे इशारा किया मगर मैंने लंड को मुंह में से बाहर नहीं निकाला; उसे लॉलीपॉप सी चूसती रही। (Threesome sex story)

कुछ धक्के लगाने के बाद उसने मेरे मुंह में वीर्य की धार छोड़नी शुरू किया जो मैं मजे से निगलने लगी।

एक के बाद एक उसने ढेर सारा पानी मेरे मुंह में छोड़ा।
उसका सारा वीर्य मैंने पी डाला।
फिर उसके लंड पर लगा सारा पानी चाट चाट कर साफ़ कर दिया।

उसने जल्द ही ज़िप बंद की और कुर्सी पर बैठ गया।

मैं उठकर उसके पास गई।

(Threesome sex story)

तो वह मुझे बोला- फातिमा साली तू लड़की है या धंधे वाली? कितनी गर्मी हैं तुझमें … तेरी मां रण्डी है, मोहल्ले में सब जानते हैं लेकिन तू तो उससे भी बहुत बड़ी छीनाल है। तेरी गर्मी निकालनी होगी।

मैंने जवाब दिया- तो निकाल ना … किसने मना किया!
दीपक बोला- रात को चल … दिखाता हूं, मेरे लंड की ताकत!
मैंने उसे चिढ़ाते हुए कहा- अरे अभी यहीं दिखा ना … क्यों फट रही है तेरी? (Threesome sex story)

उसने कहा- मेरी मां हाथ जोड़ता हूं, मेरी मम्मी आ सकती है। रात तक रुक फिर आराम से करेंगें। लेकिन एक शर्त है।
मैंने कहा- क्या?
दीपक – एक बार तेरी मां की लेनी है। दिलवा देगी? बहुत कड़क आंटी है तेरी मां!

मैंने कहा- ठीक है! मगर जब अम्मी माने तभी!
उसने कहा- हां, पर मुझे चाहिए।
मैंने बोला- अरे, अम्मी ना नहीं कहेंगी। उसे भी जवान लौड़े बहुत पसंद है। पर पहले मुझे तो चोद … बाद मैं उसकी भी ले लेना आराम से!

मैं जल्द से वहां से घर गई।

तब मैं रात के लिए कुछ सेक्सी कपड़े पहनने को देखने लगी।
मैंने लाल रंग का घागरा और ब्लू टॉप पसंद किया।

इतने में अम्मी बाहर से आई। (Threesome sex story)
मुझे कपड़ों के ढेर के आगे देख कर बोली- किसके नीचे टांगें चौड़ी करनी हैं मेरी जान?
मैं- मेरा छोड़ो मेरी छीछोरी अम्मी , तुम किससे अपनी मरवा कर आ रही हो?

कहते ही अम्मी ने मुझे बाहों में भर लिया और मेरे साथ मस्ती करने लगी।
मैंने भी उसके बूब्स मसले और अम्मी के मुंह में मुंह डाल के किस किया।

तब मैंने अम्मी को बता दिया कि मैं आज रात को फिल्म देखने जा रही हूं।
अम्मी ने कहा- देखने या खुद की बनवाने!
हम जोर जोर से हंस पड़ी।

शो शाम छह बजे से रात नौ बजे तक का था।

मैं तैयार हो गई और दीपक को कॉल किया।
उसने मुझे गली के नाके पर बुलाया। (Threesome sex story)

मैं तैयार होकर साढ़े पांच बजे नाके तक चल के गई।
घागरा और ब्लू टॉप में मैं एकदम पटाखा माल लग रही थी मैं!

जाते वक्त मैंने देखा कि गली के लड़के मुझे ही देख रहे थे।
व भद्दे कमेंट करने लगे।

लेकिन मैं उन्हें नजरंदाज करके नाके पर पहुंची।
दीपक वहां अपनी गाड़ी लेकर खड़ा था।
मैं जाकर उसके पीछे बैठ गई।

हम सिनेमा हॉल जाने लगे।

रास्ते में मैं दीपक के लंड पर हाथ से सहलाने लगी।
उसने कहा- अरे रुक साली छीनाल थोड़ा सब्र कर!

हम कुछ देर में सिनेमा हॉल पहुंच गए, हॉल में हम अपनी सीट पर बैठ गए। (Threesome sex story)

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फिल्म शुरू हुई।
मैं दीपक से एकदम सटकर बैठ गई; मैं दीपक के पैंट के ऊपर से ही उसके लंड को पकड़ कर सहलाने लगी।

दीपक भी अब मुझसे चिपक गया और मेरे दूध दबाने लगा।
अब मैंने उसका लंड बाहर निकाला और नीचे झुक कर उसे मुंह में लेकर चूसना चालू किया।

फिल्म इंटरवल तक आ पहुंची थी।
अब हम दोनों अपने आप को कंट्रोल नहीं कर सकते थे।

इंटरवल होते ही दीपक ने जिप बंद करके बाहर चलने को कहा।
हम बाहर आए।

दीपक ने कहा- चल मेरी रानी, अब दिखाता हूं तुझे मेरे लंड का कमाल! बहुत भूख लगी है ना तुझे?
मैंने जवाब दिया- चल ना मेरे राजा, आज बुझा दे मेरी चूत  की आग। सना को तो तबियत से ठोकता है ना? मुझे भी ठोक डाल।

हम गाड़ी लेकर वहां से निकले।
अब हम चुदाई के लिए जगह ढूंढ रहे थे। (Threesome sex story)

सिनेमा हॉल के पास ही में एक पार्क था जहां रात को कोई आता जाता नहीं।
मैंने दीपक को वहां चलने को कहा।

हम पार्क के पीछे वाले रास्ते से जाने लगे।
उस साइड का गेट टूटा हुआ था।

दीपक ने गाड़ी साइड में पार्क की और हम अंदर गए।
अंदर जाते ही एक बड़ा सा पेड़ था; उसके पीछे हम पहुंचे। (Threesome sex story)

साइड में जाकर मैं मूतने के लिए बैठ गई।
दीपक मुझे देख रहा था।

मैंने घागरा ऊपर किया और चड्डी नीचे सरका कर मूतने लगी।

मुझे मूतते देखकर दीपक मेरे पास आया।
मैं उठ गई।

अब दीपक ने मुझे पकड़ा और मेरा घागरा उतार दिया।
मैं अब टॉप और चड्डी में थी।

हम अब पेड़ के कोने में आ गए। (Threesome sex story)
मैंने देर ना करते हुए उसकी बेल्ट खोलकर पैंट उतार दी और अंडरवीयर खींचकर निकाला।

उसका फनफनाता हुआ लंड मेरे सामने था।

मैंने झट से उसे मुंह में लिया और अपनी लार लगाकर उसे गीला कर दिया।

हम दोनों वासना की आग में झुलस रहे थे। मैं उठ गई और सीधा जाकर पेड़ को पकड़ के झुक कर घोड़ी बन गई।

दीपक पीछे से आ गया।
मेरी गांड पर चमाट मार के उसने मेरी चड्डी निकाल दी।

उसने कंडोम अपने लंड पर लगा दिया और मेरी चूत के मुंह पर रख कर अपना लंड अन्दर घुसा दिया।
मैं दर्द से कराह उठी।

अब उसने मेरी कमर को कस कर पकड़ लिया और मुझे जोर जोर से चोदने लगा; मेरे टॉप में हाथ डाल के मेरे चूचे दबाने लगा।

मुझे पार्क सेक्स में बहुत मज़ा आ रहा था।
पहली बार मैं ऐसे खुले में चुदवा रही थीं।

बेहद उत्तेजक नजारा था। (Threesome sex story)
गर्मी के दिनों में रात को एक पेड़ के नीचे मैं मस्ती से अपनी चूत की आग शांत कर रही थी।

दीपक बहुत ताकत से मुझे ठोक रहा था- ले साली हराम की औलाद … ये ले … बहुत गर्मी हैं ना तुम मां बेटी में? सारा मोहल्ला जानता है, कितनी बड़ी रंडियां हो तुम दोनों!
मैंने कहा- हां हैं हम रंडियां। मगर हम पैसों के लिए नहीं ये सब करती। हमारी आग कोई एक लंड बुझा ही नहीं सकता। हमें नए नए लंड लेना पसंद है।

“हां हां पता है। बता कैसा लग रहा है। मज़ा आ रहा है ना?” उसने कहा।
मैंने जवाब दिया- हां, बहुत शानदार चोदता है तू मेरे राजा … और जोर से … और अंदर जाकर ठोक साले!

“मेरा प्रॉमिस याद रख साली कुत्ती … मां चोदनी है मुझे तेरी!” दीपक बोला।
मैंने कहा- अरे हां बाबा, जल्द ही मेरी अम्मी तेरे नीचे होगी, बस!

बहुत देर से दीपक मेरी बजा रहा था।
हम भूल गए कि हम एक पार्क में पेड़ के नीचे ये चुदाई  कर रहे हैं।

हम अपनी कामलीला में मशगूल थे और जो नहीं होना चाहिए था, वो हो गया।

एक दरोगा हमारे सामने आ टपका। (Threesome sex story)
दरोगा को देखते ही दीपक और मैं अलग हो गए।

दीपक की तो जैसे फट गई थीं।
हम दोनों अधनंगे थे।

इतने में दरोगा बोला- सालो, हरामजादो इतनी रात को ये गुल खिला रहे हो यहां पे?
हम डर गए।
लेकिन भाग भी नहीं सके।
ऐसी हालत में कहां भागते!

वो हमें गालियां देने लगा और थाने ले जाने की धमकी भी दे रहा था।
हम दोनों हक्के बक्के रह गए थे।

दीपक तो सिर्फ बातों का शेर निकला।
दरोगा के आगे वो मूतने की हालत में आ गया।

लेकीन अब मेरी दिमाग की बत्ती जली।
मैंने गौर से देखा तो वो दरोगा पियक्कड़ था, उसने बहुत सारी शराब पी रखी थी।

मैं नीचे से बिल्कुल नंगी हुई पड़ी थी।
वो बार बार मेरी नंगी जांघों को ताड़ने लगा।

फिर मुझे एक रास्ता सूझा। (Threesome sex story)
वैसे थी मैं एक रण्डी की बच्ची!

मैंने सोचा अब बचना है तो इसे भी अपनी चूत का लालच देना पड़ेगा।
मैं जानती थी वो नशेड़ी दरोगा इतनी हॉट और कच्ची कली का ऑफर ना नहीं करेगा।

मैंने बिना डरे उसके पास गई और एकदम मादक अंदाज में कहा- अरे दरोगा जी, इतना क्यों भड़क रहे हो? जवान लड़का लड़की इतनी रात को मिले हैं तो कर ली थोड़ी शरारत!
दरोगा ने कहा- तो सड़क पर चुदाई करोगे? ऐसा नहीं चलेगा। मेरे साथ थाने आना पड़ेगा।
मैंने जवाब दिया- अरे साहिब, क्यों इतना भाव खा रहे हो? आप भी करो ना शरारत … मैं थोड़ी मना करूंगी। आइए चख लो इस फल को!

दरोगा- आय हाय … सामने से न्योता … धंधेवाली है क्या?
मैंने कहा- नहीं साहब, मजे के लिए करती हूं। आपको भी मजा दूंगी।

दीपक दूर से सब देख रहा था।
वह चुपचाप अपनी पैंट पहनने लगा। (Threesome sex story)

अब दरोगा मेरे पास आया, मेरे दूध जोर से दबाता हुआ मेरी गांड पर हाथ मारने लगा।
उसने मुझे जोरदार किस किया।

उसके मुंह से दारु की दुर्गंध आ रही थी जो मुझे रोमांचित करने लगी।

जल्द ही उसने अपनी बेल्ट खोलकर पैंट नीचे सरका दिया और अंडरवियर नीचे करके अपना लंड बाहर निकाला।
उसका गन्दा और काला लंड बाहर लटक रहा था।
उसने झांटे भी साफ नहीं की थी।
बहुत बड़ा भी था।

मुझे क्या, दीपक से मैं संतुष्ट नहीं हुई थीं।
हमारा खेल आधा हो रह गया था।

मैंने बिना देर किए नीचे बैठ कर दरोगा के लंड को हाथ में लेकर सहलाया और सीधा मुंह में लेकर उसे चूसने लगी।

जल्द ही दरोगा का लंड खड़ा होकर पूरा तन गया।
मैं खड़ी हुई और झुककर घोड़ी बन गई।

दरोगा ने लंड मेरी गांड के छेद पर टिका दिया।
मैं उसे जोर से बोली- अरे वहां नहीं, मेरा पानी नहीं निकला अभी! मेरी चूत में डालो।

वो बोला- कंडोम नहीं है।
“दीपक कंडोम दे!” मैंने दीपक को चिल्लाते हुए कहा। (Threesome sex story)

दीपक हक्का बक्का सा रह गया था।
उसने एक कंडोम दरोगा को दे दिया।

उसे दरोगा ने लंड पर चढ़ाया और पीछे से मेरे ऊपर चढ़ गया।

दरोगा अपने मोटे लंड से मेरी चूत में बहुत गहरे में जाकर चोदने लगा।
थोड़ी देर में ही मेरी चूत का पानी निकल गया।
मेरा बदन अकड़ गया।
मैं एकदम ठंडी पड़ी।

लेकिन उस हरामी दरोगा की कुटाई अभी भी जारी थी।

दस मिनट लगातार ठोकने के बाद उसने लंड को बाहर निकाला और मुझे गाली देते बोला- साली छीनाल, चल मुंह में ले इसे!
मैं घूम कर बैठ गई और लंड को मुंह से चाटने लगी।

अब उसने लंड को मेरे मुंह में डाल दिया, जोर जोर से लंड अन्दर बाहर करने लगा।
उसका लंड मेरे हलक तक जाने लगा।

मेरी आंखों में से आंसू निकले। (Threesome sex story)
बहुत ही जल्द उसने अपने लंड का पानी मेरे गले में छोड़ना शुरू किया।
मैंने सारा पानी गटक लिया।

अब वो ढीला हो गया।
उसने अपने कपड़े पहने और जाने लगा।

दीपक मेरे पास आया और कहने लगा- मान गया यार, तू बहुत बड़ी रण्डी है। आज तेरी चूत की वजह से बच गए वरना जेल जाना पड़ता।
मैंने कहा- अरे दीपक , चूत के आगे किसी की नहीं चलती, चाहे वो कोई भी हो।

अब उसने कहा- वो सब तो ठीक है, मेरा अभी हुआ नहीं। इसका कुछ इलाज कर!

मैं झट से नीचे बैठ गई उसके लंड पर चढ़ाया कंडोम निकाल दिया और उसे मुंह में भर लिया।
जल्दबाजी में दीपक जल्द ही छुट गया।
मैंने उसका भी सारा वीर्य गटक लिया।

अब हम दोनों ने कपड़े पहने और वहां से निकले। (Threesome sex story)

रास्ते में दीपक ने मुझसे कहा- फातिमा , मेरा मन नहीं भरा यार!
मैंने जवाब दिया- तो क्या हुआ मेरे राजा … हम आराम से करेंगे कभी भी। और मेरी अम्मी को भी तेरे नीचे लिटा दूंगी, तू फिकर मत कर!

बातें करते करते हम घर पहुंचे।
मैंने दीपक को बाय किया और अपने घर में गई।

तो मेरे प्रिय पाठको, ये थी मेरी उछलती जवानी की एक और कहानी।
आपको  पार्क सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताएं।

मेरी सेक्स एक्सप्रेस का सफर अभी और आगे बढ़ेगा … एक से बढ़कर एक कहानियां मैं आपसे शेयर करूंगी।
तब तक विदा।

[email protected]  

(Threesome sex story)

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